जादुई चक्की और चोर की कहानी – Moral stories for childrens in hindi

Moral stories for childrens in hindi : यहाँ मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ  Moral stories for childrens in hindi जो वास्तव में अद्भुत और प्रेरणा दायी साबित होगी  Moral stories for childrens in hindi आपको बहुत सी चीजें सिखाएगा और आपको एक शानदार अनुभव प्रदान करेगा। आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ यह साझा कर सकते हैं और ये Moral stories आपके बच्चों या छोटे भाई-बहनों के लिए बहुत उपयोगी होंगी।

Moral stories for childrens in hindi

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पानीपुरी वाले की कहानी – Moral story in hindi

यह कहानी है रामपुर में रहने वाले मुकेश  नाम के किसान और उसकी पत्नी की मुकेश एक बहुत ही नेक और ईमानदार व्यक्ति था उसकी पत्नी का नाम रमा था मुकेश सारा दिन मेहनत करके अनाज उगाता और उसे शहर में बेच आता था वह दोनों खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे पर यह खुशी ज्यादा दिनों के लिए ना रही

Panipuriwala moral story in hindi

क्योंकि एक दिन जब मुकेश खेत में काम कर रहा था तब उसे एक जेहरीले सापने  काट लिया   वह दर्द से चिल्लाने लगा उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी और गांव वाले उसके पास पहुंच गए और उसे अस्पताल ले गए डॉक्टर ने कहा जहर शरीर में फैल रहा है इसको जहर मिटाने का टीका देना होगा पर वह टीका ₹10000 का है

तब रमा ने कहा डॉक्टर साहब आप बस इलाज कीजिए मैं पैसे ले आऊंगी तब रमा घर की और पैसे लेने चली गई रमा ने देखा उसके घर में मात्र ₹5000 हैं तब वह गांव के एक  सेठ के पास मदद लेने गई और सेठ से कहा सेठ जी मेरे पति को सांप ने काट लिया है वह अस्पताल में भर्ती है उनके इलाज के लिए ₹5000 की जरूरत है सेठ जी क्या आप मुझे ₹5000 उधार दे देंगे तब सेठ ने कहा मैं पैसे तो दे दूंगा पर तुम्हें सबूत के लिए अपनी जमीन मुझे गिरवी रखनी होगी और मुझे २ महीने में पैसे भी वापस करने होंगे तब अपनी जमीन ले जाना रमा को पैसों की सख्त जरूरत थी इसीलिए उसने अपनी जमीन सेट को गिरवी रख दी और उससे ₹5000 लेकर डॉक्टर को दे दिए

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डॉक्टर ने बोला का इलाज कर दिया और डॉक्टर ने रमा से कहा जहर की वजह से मुकेश के शरीर के कुछ अंग कमजोर पड़ गए हैं इसीलिए उन्हें 1 महीने की आराम की जरूरत है तब वे दोनों घर आ गए तब रमा ने सोचा घर के सारे पैसे तो खत्म हो गए हैं बस थोड़े से ही पैसे बचे हैं सेठ जी को दो महीनों में पैसे भी देने हैं यह सब कैसे होगा तभी वहां उनका पड़ोसी रघु मुकेश का हाल चाल पूछने आ जाता है और रमा को उदास देख कर उससे पूछता है क्या हुआ भाभी जी आप बहुत दुखी लग रहे हो अब तो मुकेश भी ठीक  हो गया है अब रमा ने रघु को घर की सारी बात बता दी तब रघु ने कहा भाभी जी आप कोई व्यापार खोलो आपके घर में भूला का ठेला रखा हुआ है उस पर कुछ बनाकर गांव में बेचना शुरू कर दो जिससे आपकी कुछ कमाई हो जाया करेगी तब रमा ने कहा धन्यवाद भाई साहब आपने मुझे इतना अच्छा उपाय बताया मैं ऐसा ही करूंगी

तब रमा ने सोचा मेरी मां ने मुझे बचपन में पानी पुरी बेचने सिखाया था मैं पानी पुरी बेचने का व्यापार खोल सकती हूं तब उसने अगले दिन पानी पुरी बनाने का सामान खरीदा और घर में पानी पुरी बनाने लगी उसने घर में पानी पुरी के लिए पूरी और खट्टा मीठा पानी बनाकर तैयार कर लिया और गांव में पानी पुरी का ठेला लगा लिया और आवाज देकर लोगों को बुलाने लगी उसकी आवाज सुनकर कुछ ही देर में उसके थैले के पास बहुत से लोग पहुंच गए और पानी पूरी खरीदकर खाने लगे लोग रमा की पानी पूरी खा कर बहुत ही खुश हो गए और रमा की पानी पूरी का व्यापार अच्छा चलने लगा कुछ ही दिनों में उसे मुनाफा भी होने लगा रमा के ठेले पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी

रमा के पास अब काफी पैसे इकट्ठे हो गए थे रमा ने उन पैसों से सेठ जी को सारा उधार वापस कर दिया और सेठ जी से अपनी जमीन वापस ले ली अब जानवि  भी बहुत ही खुश थी पर रमा के मन में धन का लालच आ गया तब उसने सोचा मुझे पानी पुरी को कम लागत में बनाना होगा मैं पानीपुरी में पानी का इस्तेमाल करती हूं जो कि बहुत महंगा है

वह गांव की नहर के पास गई और वहां से पानी लेकर पानी पूरी का खट्टा मीठा पानी तैयार कर लिया और उसे गांव में बेचने निकल गई आज भी उसके थैले में बहुत भीड़ लगी हुई थी लोग बड़े चाव से पानी पूरी खा रहे थे पर कुछ ही दिनों बाद अचानक लोगों की तबीयत खराब होने लगे वे सभी डॉक्टर के पास गए डॉक्टर ने बताया आपकी तबीयत कुछ गलत चीजें खाने से खराब हुई है तब लोगों ने सोचा यह रमा  के पानी पूरी की वजह से हुआ होगा क्योंकि उसकी पानी पूरी खाने के बाद ही लोगों की तबीयत खराब हुई है तब गांव के कुछ लोगों ने रमा पर नजर रखनी शुरू कर दी और जब रमा नहर से पानी लेने गई और वे लोग भी उसके पीछे-पीछे चले गए रमा ने नहर से पानी लिया और घर जाकर पानी पुरी के खट्टे मीठे पानी में मिला दिया उसने यह करते हुए लोगों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया और कहा यह तुमने ठीक नहीं किया रमा  तुम्हारी वजह से बहुत से लोग बीमार हो चुके हैं लोगों ने गुस्से में आकर रमा का पानी पुरी वाला ठेला तोड़ दिया यह देखकर रमा रोने लगी और उसे अपनी लालच की सजा मिल गई

Moral of the Story :- 

शिक्षा लालच एक बुरी बला है हमें लालच नहीं करना चाहिए हमें अपने काम इमानदारी और अच्छी नीयत से करनी चाहिए

जादुई चक्की और चोर की कहानी -Best Story in hindi with moral

ताजपुर नाम का एक गांव था वह पे राजा कृष्णदेव का राज था राजा कृष्णदेव अपनी प्रजा की भलाई के लिए काम किया करता राजा की पत्नी का नाम मोहिनी था वह बहुत ही सुंदर और दयालु स्वभाव की स्त्री थी वह भी राजा की तरह प्रजा की भलाई के बारे में ही सोचती थी इतने अच्छे राजा और रानी होने की वजह से वह गांव बहुत ही खुशहाल था |

गांव के ज्यादातर लोग खेती करते थे और उसी से उनका गुजारा होता था हर साल उस गांव में अच्छी फसल होती पर इस साल उस गांव में बारिश ही नहीं हुई जिसकी वजह से गांव में सूखा पड़ गया नदियां भी सूख हो  चुकी थी फसलों को पानी ना मिलने की वजह से सारी फसलें नष्ट हो गई थी इसी वजह से लोगों को कुछ दिनों तक खाना ना मिल पाया गांव के बच्चे भूख के मारे तड़प रहे थे और अपने माता-पिता से भोजन मांग रहे थे |

पिताजी मुझे बहुत भूख लगी है मुझे जल्दी से खाना ला कर दो मैंने कुछ दिनों से कुछ भी नहीं खाया है क्या करूं बेटा इस बार तो फसल ही नहीं हुई मैं तुम्हें खाना कहां से लाकर दूं गांव की ऐसी स्थिति को देखकर कुछ गांव वाले राजा जी से मदद मांगने गए और उन्होंने राजा जी से कहा प्रणाम राजा जी आप तो देख ही रहे हैं हमारे गांव की क्या हालत हो गई है बारिश ना होने की वजह से सारी फसल नष्ट हो गई है अब हम भूख के मारे तड़प रहे हैं हमारे बच्चे बहुत दिनों से भूखे हैं अब आपको हमारी कुछ मदद करनी होगी नहीं तो हम ऐसे ही मर जाएंगे |

तब राजा ने कहा हां गांव वालों मैं जितनी हो सके आप सबकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा जाओ मंत्री राज्य की तिजोरी से कुछ धन लो और किसी पड़ोसी गांव से भोजन खरीद कर गांव वालों में बांट दो और इसी तरह राज्य की तिजोरी के धन से 2 हफ्ते तक लोगों को खाना पहुंचाया गया पर 2 हफ्ते बाद लगभग राज्य की तिजोरी का धन  समाप्त होने वाला था तब राजा चिंता में आ गया जब यह बात लोगों को पता चले कि राज्य की तिजोरी खाली होने वाली  है तब गांव के लोग राजा के पास गए प्रणाम राजा जी राजा जी आपने हमारी बहुत मदद की है उसके लिए धन्यवाद पर हम अब क्या करें अब तो राज्य की तिजोरी का धन भी खत्म होने वाला है अब हम क्या करेंगे राजा जी हां गांव वालों में  भी इस बारे में ही विचार कर रहा था आप लोग चिंता ना करें मैं और मंत्री मिलकर कोई ना कोई उपाय निकाल ही लेंगे |

कुछ समय बाद मंत्री ने राजा को एक उपाय बताया राजा जी आप एक एलान करवा दीजिए कि जो कोई भी हमारे राज्य की समस्या का समाधान करेगा उसे 10000 सोने की मोहरे दी जाएंगी राजा को यह उपाय बहुत पसंद आया तब राजा ने हर तरफ यह एलान करवा दिया अगर कोई भी हमारी समस्या का समाधान करेगा उसे 10000 सोने की मोहरे दी जाएगी धीरे-धीरे यह बात दूर-दूर तक फैल गई इस समस्या का समाधान किसी को भी ना मिला पर  कुछ दिनों बाद एक साधु राजा के पास पहुंचा तब साधु ने राजा से कहा प्रणाम राजा जी मैं आपके राज्य की समस्या का हल करने आया हूं पर मुझे सूने की माहोर नहीं चाहिए मैं चाहता हूं कि आप मुझे अपने महल का राज गुरु बना दें |

यह सुनकर राजा बहुत ही खुश हो गया जी हां साधु बाबा अगर आप हमारे राज्य की समस्या को दूर करेंगे तो मैं आपको अपने महल का राज गुरु बना दूंगा तब साधु ने राजा को एक चक्की दी और कहा राजा जी यह एक जादुई चक्की है इस जादुई चक्की को चलाकर जो भी वस्तु मांगो यह उसे पूरा कर देता है और इसे रोकने के लिए इसे लाल कपड़े से ढक देना होता है यह सब सुनकर राजा बहुत ही खुश हो गया तब राजा ने उस चक्की की सहायता से बहुत सारा अनाज निकाला और गांव वालों में बांट दिया तब राजा ने साधु को धन्यवाद कहा और उसे महल का राज गुरु बना दिया और हर महीने चक्की से अनाज निकालकर गांव में बांट दिया जाता था |

इस तरह वह गांव दोबारा से खुशहाल हो गया जब उस जादुई चक्की के बारे में जंगल में रहने वाले कुछ लुटेरों को पता चला तब उन्होंने उस जादुई चक्की को चुराने के बारे में सोचा तो इसी वजह से वह उस रात को चोरी से महल में घुस गए और उन्होंने जादुई चक्की को उठाया और जंगल की तरफ भाग गए तब उनमें से किसी एक लुटेरे ने कहा अरे भाइयों पहले इसे एक बार इस्तेमाल तो कर कर देखें हां भाई बिल्कुल सही कहा तुमने अभी इस्तेमाल कर कर देखते हैं ।

 

ऐ जादुई चक्की हमें केले दो ऐसा कहते हैं उस जादुई चक्की में से बहुत से केले निकलने लगे पर उन लुटेरों को यह नहीं पता था कि इस जादुई चक्की को बंद कैसे किया जाता है और वह पे केलो का ढेर लग गया और उस ढेर के निचे वो लुटेरे दब कर मर गए जब राज को यह पता चला तो वो चक्की के पास गए और लाल कपडा रखा और छकी बंध हुई और उसे राज महल वापस ले आये

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Conclusion

तो दोस्तों ये थी Moral Stories in Hindi for Childrens 2020 के बारे में पूरी जानकारी  दोस्तों आपको कैसी लगी, अगर आपको पसंद आयी हो तो  दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करना ना भूलें और अगर आपका कोई सवाल है  तो हमें कमेंट करके बता सकते हे |

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