भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां तथा कार्य के बारे में जानें

आम तौर पर हम सोचते है कि राष्ट्रपति के पास ज्यादा power नहीं होती| सारी power देश के प्रधानमंत्री ही अपने पास रखतें है| पर दोस्तों ऐसा सच नहीं है आज हम भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य के बारे में बात करेंगे|

यह Indian Polity का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जो लगभग सभी exams के लिए जरुरी है

Contents

राष्ट्रपति की शक्तियां

भारत का राष्ट्रपति देश की कार्यपालिका का प्रधान होता है| इसलिए कार्यपालिका सारे कार्य राष्ट्रपति के नाम पर ही करती है| प्रधान मंत्री सरकार का प्रमुख होता है तथा राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है| भारत के राष्ट्रपति को अनेक शक्तियां प्राप्त है| जिनका वर्णन अग्रलिखित है|

नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार

भारत का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों, सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, CAG, राज्यों के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए अन्तर्राज्यीय परिषद् के सदस्य, मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत के महान्यायवादी (Attorney general), संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष, वित्त आयोग के सदस्यों, भारत के राजदूतों, अन्य राजनयिकों, तथा राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति करता है|

राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां

राष्ट्रपति को निम्न विधायी शक्तियां भी प्राप्त होतीं है क्योंकि वह संसद का अभिन्न अंग होता है:

  • संसद के किसी सदन में या एक साथ दोनों सदनों में अभिभाषण करने की शक्ति प्राप्त है|
  • राष्ट्रपति को संसद के सत्र को शुरू करने सत्रावसान करने तथा लोकसभा को भंग करने की शक्तियां प्राप्त हैं|
  • संसद द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन (स्वीकृति) के बाद ही कानून बन सकता है|
  • संसद में कुछ विधेयकों को पेस करने से पहले राष्ट्रपति की पूर्ण स्वीकृति आवश्यक है
    • धन विधेयक
    • संचित निधि में व्यय करने वाले विधेयक
    • कराधान (taxation) पर प्रभाव डालने वाले विधेयक
    • नए राज्यों का निर्माण तथा वर्तमान राज्यों की सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने वाले विधेयक
    • राज्यों के बिच व्यापर या वाणिज्य को प्रभावित करने वाला विधेयक
  • जब राष्ट्रपति को लगे कि लोकसभा में आंग्ल-भारतीय (British-Indian) समुदाय का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है तो वह ऐसे दो व्यक्तियों को लोकसभा के सदस्य के रूप में नामांकित कर सकता है|
  • राष्ट्रपति कला, साहित्य, पत्रकारिता, विज्ञान तथा सामाजिक कार्यों में पर्याप्त अनुभव रखने वाले 12 व्यक्तियों को राज्यसभा में नामांकित कर सकता है|
  • संसद के स्थगन के वक़्त राष्ट्रपति अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी कर सकता है जिसका प्रभाव संसद के अधिनियम की भांति ही होता है| यह प्रभाव संसद सत्र शुरू होने के 6 सप्ताह तक रहता है|
  • सैन्य बलों का सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति होता है परन्तु बिना संसद और प्रधानमंत्री की सहमति के वो इनका प्रयोग नहीं कर सकते|
  • दूसरे देशों के साथ कोई भी समझौता या संधि राष्ट्रपति के नाम पर की जाती है|

राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां

संविधान के अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति को किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सज़ा को माफ़ करने या कम करने का अधिकार है|

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां

  • मंत्रिपरिषद की सलाह से राष्ट्रपति देश में आपातकाल लागू कर सकता है| भारत के संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल (Types of Emergency) का वर्णन है-
  1. राष्ट्रीय आपातकाल
  2. राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन)
  3. वित्तीय आपातकाल
  • राष्ट्रपति किसी सार्वजनिक महत्त्व के प्रश्न पर अनुच्छेद 143 के तहत सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकता है| किन्तु वह यह परामर्श मानने के लिए बाध्य नहीं है|

राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां

भारत के राष्ट्रपति को तीन प्रकार की वीटो शक्तियां प्राप्त हैं-

  • निरपेक्ष वीटो (Absolute Veto) : इस वीटो शक्ति के अंतर्गत यदि राष्ट्रपति किसी विधेयक पर अपनी अनुमति नहीं देना चाहे तो वह ऐसा कर सकता है| अर्थात वह अपनी अनुमति को सुरक्षित रख सकता है|
  • निलंबनकारी वीटो (Suspension Veto): इस वीटो शक्ति के अंतर्गत यदि राष्ट्रपति चाहे तो किसी विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है|
  • पॉकेट वीटो: इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति किसी विधेयक को अनिश्चित काल के लिए अपने पास सुरक्षित रख सकता है इस वीटो शक्ति के अनुसार राष्ट्रपति न तो किसी विधेयक पर हस्ताक्षर करता है, न ही इंकार करता है और न ही पुनर्विचार के लिए वापस संसद के पास भेजता है|

FAQs

भारत में किसी भी राष्ट्रपति द्वारा पहली बार पॉकेट वीटो कब इस्तेमाल किया गया था?

ज्ञानी जैल सिंह भारत के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने विवादस्पद भारतीय डाक संशोधन विधेयक 1986 के सम्बन्ध में पहली बार पॉकेट वीटो का इस्तेमाल किया था|

राष्ट्रपतीय निर्वाचन में मतगणना कहां की जाती है?

मतों की गणना नई दिल्ली में रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में की जाती है।

राष्ट्रपति की शक्तियां कौन कौन सी है?

राष्ट्रपति की शक्तियां
नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार
विधायी शक्तियां
आपातकालीन शक्तियां
राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां

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